NICED में पैरासिटोलॉजी या परजीवीविज्ञान का विभाग
सक्रिय रूप से महामारी विज्ञान के अध्ययन के साथ आणविक और कोशीय
स्तरों पर परजीवी दस्त रोगों के क्रियाविधि में अनुसंधान को एकीकृत
करता है। मानवीय परजीवी रोगों की बढ़ती हुई समझ को सुनिश्चित करते
हुए, जैसे कि अमीबासिस, जिआर्डियासिस, क्रिप्टोस्पोरोइडिस, आदि; यह
स्क्रीनिंग, निदान और भविष्य के चिकित्सा-विधान में आगे के विकास
की नींव प्रदान करता है। इन मूलभूत गतिविधियों का समर्थन करने के
लिए, पैरासिटोलॉजी विभाग भारत और विदेशों के स्नातक छात्रों तथा
अन्य प्रशिक्षुओं को व्यापक अनुसंधान और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान
करता है।
अनुसंधान प्रयासों की स्थापना जियार्डिया में rRNA प्रसंस्करण के
तंत्र को समझने, rRNA जीवजनन के आणविक विश्लेषण करने, snRNA और
नाभिकीय प्रोटीन के बीच का परस्परिक क्रिया, इसके गठन के तंत्र और
Giardiasis में लक्ष्य औषधि (drug target) के रूप में इसके उपयोग
को समझने के लिए की जाती है।
माइक्रोएरोफिलिक जियार्डिया पर इसके कोशिकीय, जीनोम, प्रोटिओम एवं
मेटाबॉलिक स्तर, आंत्रिक परजीवी का आणविक रोग निदान कोक्सीसाइड्स
एवं अन्य आंत्रिक परजीवी का प्रतिक्षण- जोखिम रोगियों में आणविक
जानपादिकाविज्ञान (महामारी विज्ञान) पर ओकसीडेटिव तनाव के प्रभावों
का अध्ययन करता है|
इस जीव पर विभिन्न प्रकार के आणविक अध्ययनों को आगे बढ़ाने के लिए
इस विभाग में जियार्डिया की संपूर्ण जीनोमिक DNA लाइब्रेरी तैयार
की गई है। जियार्डिया की जीनोमिक डीएनए माइक्रोएरे चिप भी
निर्माणाधीन है। इस लैब में विभिन्न अस्पतालों से इकट्ठा किए गए मल
के नमूनों से आंत्रिक परजीवी की नियमित निगरानी नियमित रूप से की
जाती है ताकि कोलकाता में दस्त रोग के वर्तमान परिदृश्य मिल सके और
साथ-साथ परजीवी सह-संक्रमण के साथ प्रमुख एटियलजि की स्थापना हो सके
| यह विभाग पूर्वी आसंधि होने के साथ-साथ भारत-अमेरिका संयुक्त
सहयोग के तहत प्रस्तावित एक परजीवी नेटवर्क की केंद्रीय इकाई है
जिससे सारा भारत में परजीवी निदान पर प्रशिक्षण और जनशक्ति निर्माण
तथा गुणवत्ता नियंत्रण हो सके। इस विभाग का जापान के NIID और
ओकायामा विश्वविद्यालय, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका के CDC, NIH
तथा न्यूयार्क का सिटी विश्वविद्यालय, बाल अंतर्राष्ट्रीय,
नीदरलैंड के एम्स्टर्डम मेडिकल यूनिवर्सिटी, आदि के साथ मजबूत
सहयोग है।
यह विभाग आंत्रिक परजीवीविज्ञान के विभिन्न पहलुओं में पीएचडी और
पोस्ट डॉक्टरल प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करता है। अपने पीएचडी और
पोस्ट डॉक्टरल कार्यक्रम के अलावा, यह विभाग वैज्ञानिकों, छात्रों
और तकनीशियनों के लिए कार्यशालाओं और प्रशिक्षण का आयोजन करता है
और विभिन्न विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर छात्रों को बुनियादी
आणविक जीव विज्ञान, कोशिका जीव विज्ञान और इम्यूनोलॉजी तकनीक सीखने
के लिए लघु प्रशिक्षण भी प्रदान करता है।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न गौरव पूर्ण अनुदानों
और पुरस्कारों इस विभाग को समय-समय पर समृद्ध किया गया है।