राष्ट्रीय कॉलरा और आंत्र रोग
संस्थान (NICED) में इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी 80 के दशक में
फिलिप्स के अत्याधुनिक ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप, मॉडल
420 T की स्थापना, के साथ शुरू हुई थी। एक उच्च वैक्यूम वाष्पीकरण
(shadow coaster), पोलरॉन E 6100, EM के साथ भी स्थापित किया गया
था। बाद में एक LKB Nova ultramicrotome, एक LKB 7800 knifemake,
एक De Vere enlarger, एक JEOL JEE-400 उच्च वैक्यूम वाष्पीकरण के
साथ एक JEOL HDT400 हाइड्रोफिलिक उपचार उपकरण के साथ भी स्थापित
किया गया था। नई सहशताब्दी के आरंभ में प्रयोगशाला को cryoEM
प्रयोगशाला में उन्नत किया गया था।
अब तक Gatan cryostage युक्त एक FEI Tecnai 12 BioTwin
transmission इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप, FC6 cryo लगाव के साथ एक
Leica Ultracut UCT ultramicrotome प्रयोगशाला में स्थापित किया गया
था।
इसके लिए, एक गटन क्रायोटस्टेज (Gatan cryostage) के साथ एक एफ इ
आई टेकनाई (FEI Tecnai) 12 वायोटूइन ट्रांसमिशन इलेक्ट्रान
माइक्रोस्कोप (12 Bio Twin transmission electron microscope), एक
लेका इ.म. सीपीसी यूनिवर्सल क्रायो-वर्कस्टेशन (Leica EM CPC
universal cryo-workstation), एक लेका अल्ट्राकाट इउसिटी
आलमाइक्रोटॉम एक एफसी क्रायो संबद्धता के साथ (one Leica Ultracut
UCT ultramicrotome with FC6 cryo attachment were installed in
the laboratory.) प्रयोगशाला में स्थापित किया गया था|
इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप का मुख्य रूप से अनुसंधान के लिए और
कभी-कभी निदान के लिए उपयोग किया जाता है। नियमित रूप से शामिल
तकनीकों मे नकारात्मक-अभिरंजक विश्लेषण (negative-staining
analysis), डीएनए (DNA) की क्लेन्सचिमेट (Kleinschmidt) की प्रोटीन
मोनोलेयर तकनीक, डीएनए (DNA)का आंशिक विकृतीकरण मानचित्रण (
denaturation mapping ), डीएनए (DNA) के हेटरोडुपलेक्स विश्लेषण,
डीएनए (DNA)और आरएनए (RNA) के प्रोटीन मुक्त फैलाव तरीकों,
इम्यूनोइलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी, फेरिटिन लेबलिंग,
अल्ट्रामिक्रोटोमी, डार्कफील्ड इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी और
इलेक्ट्रॉन विवर्तन, क्रियोइलेक्ट्रॉन (cryoelectron) माइक्रोस्कोपी,
त्रि-आयामी छवि पुनर्निर्माण और टोमोग्राफी, पर्यावरण स्कैनिंग
इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी तथा परमाणु बल माइक्रोस्कोपी सम्मिलित है
|
प्रयोगशाला में कई परियोजनाएं कार्यरत हैं। इलेक्ट्रॉन
माइक्रोस्कोपी द्वारा कई कोलेराफेज (choleraphage) का लक्षणवर्णन
किया जा रहा है। इस प्रयोगशाला ने पहली बार V. cholera के RS1-KmΦ
phage की धागा या तंतुओं जैसी (filamentous) स्वरूप को दिखाया।
विभिन्न कोलेराफेज (choleraphage)और उनके डीएनए (DNA) की रूपरेखा
का वर्णन किया गया है। इस प्रयोगशाला ने पहली बार, विब्रियोफेज (vibriophage)
के डीएनए (DNA) के आंशिक विकृतीकरण (denaturation) नक्शे का
निर्माण किया है जो संसक्त सिरों, परिपत्र क्रमपरिवर्तन, टर्मिनल
रिडंडेंसी, जीवाणुभोजी शीर्ष (phage head) में डीएनए (DNA) के
संवेष्टन प्रतिरूप का निर्धारण के लिए इस्तेमाल किया गया है। इसके
अलावा पहली बार, क्रियोइलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी और सिंगल-कण
विश्लेषण विधियों का उपयोग करके विब्रियोफेज की त्रि-आयामी संरचना
निर्धारित की गई है। इन चरणों के अंदर डीएनए के संवेष्टन को
क्राइओलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी का उपयोग करके निर्धारित किया गया
है। इन चरणों के अंदर डीएनए के संवेष्टन को भी क्राइओलेक्ट्रॉन
माइक्रोस्कोपी द्वारा निर्धारित किया गया है।
इसके अलावा विब्रियो कोलेरा और शिगेला डिसेन्टेरिया (Shigella
dysenteriae) के कई हेमग्लुगुटिनिन ( hemagglutinins) की संरचना
नकारात्मक अभिरंजक (negative staining) विधियों का उपयोग करके
निर्धारित की गई है। अब इन अणुओं की 3-डी संरचनाओं को
क्रायोइलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी का उपयोग करके उन्मोचित किया जा रहा
है। विब्रियोस के फ्लैगेला (flagella) के हाइड्रोडायनेमिक गुणों का
भी अध्ययन किया गया है।फिम्ब्रिया या पिली मानव आंतों की कोशिका
दीवार में बैक्टीरिया के लगाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते
हैं। इन्हें विब्रियो कोलेरा और एस्चेरीचिया कोली (Escherichia
coli)के विभिन्न सेरोवार्स (serovars) में व्यापक रूप से अध्ययन
किया गया है। V. cholerae और E. coli के रोगजन्य तंत्र का भी
अध्ययन किया गया है। विब्रियो कोलेरा के एक नए स्ट्रेन (strain)
में एक कैप्सुलर परत की उपस्थिति फेरिटिन लेबलिंग विधि की मदद से
पुष्टि की गई है।
विभिन्न सूक्ष्म रोगजनकों के कारण हिस्टोपैथोलॉजिकल परिवर्तनों का
अध्ययन हल्की माइक्रोस्कोपी द्वारा किया गया है। स्कैनिंग और
ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप का उपयोग करके सतह संरचनात्मक
परिवर्तन तथा गहराई से अंतर्निहित परिवर्तनों का अध्ययन किया जा रहा
है। अभी तक अध्ययन किए गए कुछ महत्वपूर्ण एंटरोपैथोजेन हैं:
विब्रियो कोलेरा, हेलिकोबैक्टर पिलोरी (Helicobacter pylori),
शिगेला (Shigella) और एयरोमोनास हाइड्रोफिला (Aeromonas hydrophila)।
प्रयोगशाला में कुछ सहयोगी शोध भी किए गए थे। इनमें से, सामान्य
मानव हीमोग्लोबिन के क्लोरप्रोमेज़िन प्रेरित पृथक्करण और रिबोसोमल
आरएनए (ribosomal RNA ) की प्रोटीन फोल्डिंग गतिविधि विशेष
उल्लेखनीय हैं|
उत्कृष्ट सफलता के साथ इस विभाग द्वारा इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी
पर कई राष्ट्रीय कार्यशालाएं भी आयोजित की गईं।